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जीवन का सच्चा मूल्य: स्वर्ग में खजाने, पृथ्वी पर नहीं

इस संसार में अक्सर हम यह मान लेते हैं कि भौतिक धन और सफलता ही जीवन का अंतिम लक्ष्य हैं। हम यह सोचते हैं कि अधिक धन, बड़े घर, और विलासिता की वस्तुएँ हमें पूर्णता और संतोष प्रदान करेंगी। परंतु जब हम जीवन के कठिन समयों से गुजरते हैं, तो हमें समझ में आता है कि ये चीज़ें हमें स्थायी शांति और सुकून नहीं दे सकतीं।


आइए हम बाइबल के माध्यम से जानें कि कैसे भौतिक वस्तुएँ अस्थायी होती हैं और कैसे हमें अपने जीवन का उद्देश्य परमेश्वर के लिए जीना और दूसरों की सेवा करना बनाना चाहिए।


1. सांसारिक धन अस्थायी है


बाइबल में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि संसारिक धन अस्थायी होता है। सभोपदेशक की पुस्तक में राजा सुलैमान, जो संसार के सबसे बुद्धिमान और धनी व्यक्तियों में से एक थे, यह स्वीकार करते हैं:


"व्यर्थ ही व्यर्थ! सब कुछ व्यर्थ है।" (सभोपदेशक 1:2, OV)


सुलैमान ने संसार की हर प्रकार की सफलता और सुख को अनुभव किया, फिर भी अंत में वह यह निष्कर्ष पर पहुँचे कि यह सब व्यर्थ है। यीशु मसीह भी हमें सचेत करते हैं कि हमें स्वर्ग में खजाने जमा करने चाहिए, न कि पृथ्वी पर:


"अपने लिए पृथ्वी पर धन जमा न करो, जहाँ कीड़ा और काई बिगाड़ती हैं, और जहाँ चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। परन्तु स्वर्ग में अपने लिए धन जमा करो।" (मत्ती 6:19-20, OV)


पृथ्वी पर हमारे धन और संपत्ति क्षणिक होते हैं। कीड़े या जंग इन्हें नष्ट कर सकते हैं, और चोर इन्हें चुरा सकते हैं। परंतु स्वर्ग में जो हम खजाने जमा करते हैं — जैसे धर्मी जीवन, दूसरों की सेवा और परमेश्वर के साथ संबंध — वे अनन्त होते हैं।


2. जीवन अस्थिर और अनिश्चित है


जीवन स्वयं ही अनिश्चित और क्षणिक है। याकूब की पुस्तक हमें स्मरण कराती है कि हमारा जीवन एक वाष्प के समान है, जो थोड़ी देर के लिए प्रकट होता है और फिर अदृश्य हो जाता है:


"तुम जो यह नहीं जानते कि कल क्या होगा। तुम्हारा जीवन क्या है? वह तो एक भाप के समान है, जो थोड़ी देर दिखाई देती है और फिर लोप हो जाती है।" (याकूब 4:14, OV)


चाहे हम कितने ही धनवान हों या शक्तिशाली, जीवन की अनिश्चितता से कोई नहीं बच सकता। हम में से कोई नहीं जानता कि कब बीमारियाँ, दुर्घटनाएँ, या मृत्यु आ सकती है। यीशु ने इस सत्य को एक दृष्टांत में समझाया जिसमें एक धनी मूर्ख ने अपने धन पर भरोसा किया, परंतु परमेश्वर ने उससे कहा:


"अरे मूर्ख! इसी रात तेरा प्राण तुझसे ले लिया जाएगा।" (लूका 12:20, OV)


अंततः, जब हम इस संसार को छोड़ते हैं, तो हम अपने साथ कुछ भी भौतिक नहीं ले जा सकते। परमेश्वर के प्रति हमारा संबंध और दूसरों के लिए हमारा प्रेम ही मायने रखता है।


3. संबंधों और प्रेम का महत्व


जब हम कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो हमें अपने धन या संपत्ति से नहीं, बल्कि हमारे प्रियजनों के प्रेम और प्रार्थनाओं से सांत्वना मिलती है। बाइबल हमें सिखाती है कि सच्ची संपत्ति हमारे रिश्तों में होती है। पौलुस हमें सिखाते हैं:


"एक दूसरे का भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरा करो।" (गलातियों 6:2, OV)


हमारे जीवन का सच्चा मूल्य इस बात में है कि हम परमेश्वर और अपने पड़ोसी से कितना प्रेम करते हैं। यीशु ने यह भी कहा:


"तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन, और अपनी सारी आत्मा, और अपनी सारी बुद्धि से प्रेम रख। यह प्रथम और बड़ा आज्ञा है। और दूसरी इसके समान है: तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।" (मत्ती 22:37-39, OV)


यह प्रेम और हमारे कर्म ही हैं जो हमारे साथ अनन्त जीवन तक चलेंगे, न कि हमारी संपत्ति।


4. विनम्रता और अच्छे कार्यों का आह्वान


अंत में, बाइबल हमें विनम्र जीवन जीने के लिए बुलाती है, जिसमें हम स्वयं पर नहीं, बल्कि परमेश्वर और दूसरों की सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं। पौलुस, 1 तीमुथियुस में लिखते हैं:


"इस संसार के धनी लोगों को आज्ञा दे, कि वे अभिमान न करें, और न अनिश्चित धन पर आशा लगाएँ, परन्तु परमेश्वर पर, जो हमें सब वस्तुएँ हमारे सुख के लिये बहुतायत से देता है। वे भलाई करें, और अच्छे कामों में धनी हों।" (1 तीमुथियुस 6:17-18, OV)


सच्ची संपत्ति हमारे धन में नहीं, बल्कि हमारे अच्छे कार्यों में होती है। हमारी सबसे बड़ी संपत्ति वह जीवन है जो मसीह के चरित्र को दर्शाता है। यीशु कहते हैं:


"क्योंकि जहाँ तेरा धन है, वहाँ तेरा मन भी लगा रहेगा।" (मत्ती 6:21, OV)


निष्कर्ष: स्वर्ग में खजाने जमा करना


अंत में, हमें समझना चाहिए कि इस संसार की वस्तुएँ अस्थायी हैं और इन्हें छोड़कर जाना निश्चित है। परंतु जो हम परमेश्वर के लिए करते हैं, वह अनन्त रहेगा। हमें अपने जीवन का उद्देश्य स्वर्ग में खजाने जमा करना बनाना चाहिए — प्रेम, दया और भलाई के कार्यों के माध्यम से।


आइए, हम अपने जीवन में आत्म-चिंतन करें और पूछें: क्या हम अपने जीवन को उन चीज़ों पर केंद्रित कर रहे हैं जो अनन्त हैं, या अस्थायी सांसारिक वस्तुओं पर? आइए, हम विनम्रता से परमेश्वर की सेवा करें और एक जीवन जीएं जो स्वर्ग में खजाने जमा करता है।



 
 
 

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